Dhruv Jurel: सक्सेस स्टोरी
Dhruv Jurel: पिता जी ने लिया था क़र्ज़, बल्ला खरीदने के पैसे नहीं थे जेब मैं, माँ ने सोने की चैन बेच कर बेटे को क्रिकेट की टिकट दिलाई थी
Dhruv Jurel istagram |
ध्रुव Jurel को भारतीय टीम मैं इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों मैं शामिल किया गया है। आज से पहले कभी उन्होंने यह सोचा ही नहीं होगा की कभी टीम इंडिया मैं इस तरह से उनकी एंर्टी होगी। इस तरह से 22 साल के इस खिलाडी के लिए ये सपना सच होने जैसा है।
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उतर प्रदेश के वीकेटकीपर, बल्लेबाज़ ध्रुव जुरेल जल्द ही हैदराबाद के लिए फिलाइट मे उड़ान भरते दिखेगें। उस फ्लाइट मे उनके साथ काई बड़े दिगज खिलाडी जैसे रोहित शर्मा, विराट कोली, केअल राहुल, जसप्रीत बोमरा जैसे दिगज क्रिकेटर शामिल थे। ये जो उड़ान आज ध्रुव भरने वाले हैं वे कोई शोटटी मोटी उड़ान नहीं है, वह उनकी सपनों की उड़ान है, जो उनको उनके सपनों के करीब ले जायेगी। जसके बारे मैं उन्होंने बचपन मैं सोच रखा था।
दरअसल, ध्रुव को पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों लिए इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम में शामिल किया गया है। इससे पहले उन्होंने कभी ज़िंदगी मैं सोचा नहीं होगा कि टीम इंडिया मैं इस तरह खेलने का मौका मिलेगा।
Dhruv Jurel instagram |
Dhruv Jurel की बचपन की कहानी .
22 साल की इस उम्र वाले छोटे से इस खिलाड़ी ने क्रिकेट की दुनिया में बहुत बड़े-बड़े कारनामे किए हैं वह आगरा के रहने वाले हैं और उनके पिता सेना में थे जिन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया था Dhruv Jurel का जन्म 2001 में हुआ था जब 10 साल के ही थे तो उनके पिता हवलदार पद से रिटायर हो गए
इस समय Dhruv Jurel आगरा के एक आर्मी स्कूल में पढ़ते थे और उनके पिता यही चाहते थे कि उनका बेटा जो एक बहुत बड़ा ऑफिसर बने और अपने देश की सेवा करें और अपने बेटे को खेल से जुड़ी गतिविधियां भी मैं भाग लेने को कहा। लगभग वह स्कूल में 2 महीने के लिए खेल के कैंप शुरू होते ही ध्रुव तैराकी में भाग लेने के लिए अपने दो दोस्तों के साथ पहुंचे।
ध्रुव को क्रिकेट में बहुत रुचि थी और यह सब देखते हुए ध्रुव ने तैराकी को छोड़ दिया और वह क्रिकेट की दुनिया में दिलचस्पी से आगे बढ़ाने की कोशिश करने लगे अब पिता जी को भी एहसास हो गया कि बेटा क्रिकेट को लेकर काफी भावुक है और फिर उन्होंने ध्रुव को अपने सपने को पूरा करने की अनुमति दी, ध्रुव को जब बल्ला चाहिए था तो ध्रुव के पिता ने बाला खरीदने के लिए अपने दोस्तों से ₹800 कर्ज लिया था।
पिता का सपना सरकारी नौकरी
एक साधारण परिवार से आने के कारण जहां आर्थिक तंगी एक बहुत बड़ा मुद्दा था जब पिता कभी किसी दूसरे के आगे झुकते थे, तो बेटे को काफी चुबता था बेटा यह नहीं चाहते था कि उनके पिता किसी के आगे जाकर सर झुकाए इसलिए ध्रुव ने बहुत कड़ी मेहनत की और क्रिकेट बनने के सपने को पूरा करने का ठान लिया और ध्रुव ऐसा करने में कामयाब भी हो गए।
पिताजी हर बार आपको बताते थे कि वह क्रिकेट को छोड़ दें और सरकारी नौकरी पाने के लिए तैयारी करें लेकिन ध्रुव यह जानते थे कि पिताजी ऐसा क्यों बोल रहे हैं।
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ध्रुव ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि जब मैं अपने पिता से क्रिकेट किट खरीदने के लिए ₹8000 की बात की तो उसी टाइम पिताजी यह सुनकर चौंक गए और वह सोचने लगे कि यह 8000 की क्रिकेट किट में कहां से लाऊंगा तो इसलिए उन्होंने क्रिकेट खेलना बंद करने के लिए कह दिया। लेकिन ध्रुव ने कहा कि अगर उन्हें क्रिकेट किट नहीं मिलेगी तो वे घर छोड़कर चले जाएंगे, तो मन से ना रह गया और उन्होंने सोने की चेन को बेचकर बेटे के लिए क्रिकेट किट खरीद ली।
Dhruv Jurel को पिता की ओर से हरी झंडी मिली
क्रिकेट में ध्रुव की रुचि को देखते हुए उनके पिता ने भी उनका समर्थन करना शुरू कर दिया ध्रुव उत्तर प्रदेश के लिए अंदर 14 और अंदर 16 आयु वर्ग क्रिकेट खेल चुके हैं इसके बाद उन्होंने 2020 में विश्व कप के लिए भारत के अंडर-19 के लिए उनको चुना गया
हुए 2020 में देश के अंदर-19 टीम के उप कप्तान भी बनाए गए उनकी टीम अंडर -19, विश्व कप में फाइनल में बांग्लादेश से हार गए लेकिन ने अपनी कप्तानी में अंडर-19 एशिया कप जीता करियर की शुरुआत में गेंदबाजी करते थे।
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ध्रुव एक स्पिनर गेंदबाज थे वह स्पिन बोलिंग करवाते थे इसके साथ उन्होंने बैटिंग मिडिल ऑर्डर पर करते रहे और साथ में उन्होंने विकेटकीपर काफी रोल अदा किया काफी अच्छे से उन्होंने अपने दर्शकों को विकेटकीपिंग करकेप्रभावित किया।
2023 में ध्रुव की चर्चा
ध्रुव ने 2022 में उत्तर प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और अब तक उन्होंने 15 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 790 रन बनाए एक शतक पांच अर्ध शतक शामिल है।
उनका जो बेस्ट स्कोर रहा वह 249 रन का रहा करने 10 लिस्ट ए और 23, टी 20 मैच भी खेलें। (आर आर) ने 20 लख रुपए में अपनी टीम में शामिल किया था।
अपने पहले ही मैच में उन्होंने 15 गेंद पर 32 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। इसके बाद से ही वह चर्चा में आ गए। ध्रुव ने अब तक 13 आईपीएल मैच खेले हैं, जिसमें 172 रन, 72 के स्ट्राइक रेट से 152 रन बनाए हैं।
भारतीय टीम मैं ध्रुव की एंट्री
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और इसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम बोर्ड के जो चयन करता है उन्होंने इस युवा खिलाड़ी को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी मौका देने का फैसला किया, तो विकेटकीपर टीम मैनेजमेंट की पहली पसंद ना हो लेकिन सीनियर भारतीय ड्रेसिंग रूप में होने का अनुभव आगरा में जन्मे दाएं हाथ के इस बल्लेबाज के लिए काफी अहम होगा महेंद्र सिंह धोनी की प्रशंसा ध्रुव को उम्मीद है कि वह अपने आदर्श के नक्शे कदम पर चलते हुए रांची के इस क्रिकेटर की तरह ही सफल क्रिकेट खिलाड़ी बनाएंगे।
तो इस तरह से धुर्व का क्रिकेट का सपना पूरा होने लगा।
Dhruv Jurel: का क्रिकेट का सपना कैसे पूरा हुआ ?
पिता जी ने लिया था क़र्ज़, बल्ला खरीदने के पैसे नहीं थे जेब मैं, माँ ने सोने की चैन बेच कर बेटे को क्रिकेट की टिकट दिलाई थी
Dhruv Jurel पिता का सपना सरकारी नौकरी क्यों था ?
एक साधारण परिवार से आने के कारण जहां आर्थिक तंगी एक बहुत बड़ा मुद्दा था । पिताजी हर बार आपको बताते थे कि वह क्रिकेट को छोड़ दें और सरकारी नौकरी पाने के लिए तैयारी करें लेकिन ध्रुव यह जानते थे कि पिताजी ऐसा क्यों बोल रहे हैं।
भारतीय टीम मैं ध्रुव की एंट्री कैसे होई?
प्रथम श्रेणी में पूरी तरह से अच्छा प्रदर्शन करते हुएध्रुव को भारत ए की टीम में भी जग मिली, दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गई इंडिया ए टीम का वह हिस्सा भी बने थे, 69 रन बनाएं और तीन कैच भी पकड़ें।
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